भारत उत्‍कर्ष और नव जागरण पर एकाग्र महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ की स्‍थापना 2009 में की गई। यह स्‍वराज संस्‍थान संचालनालय, संस्‍कृति विभाग, मध्‍यप्रदेश शासन का अधिष्‍ठान है।

उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने विदेशी शकों से भारत को मुक्ति दिलाकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सूत्रपात किया था और भारत की उस अभूतपूर्व विजय के उपलक्ष्य में नये सम्‍वत् का प्रवर्तन किया था। आज वह विक्रम सम्‍वत् के नाम से सर्वज्ञात है।

महाराजा विक्रमादित्‍य शोधपीठ विक्रमादित्‍य, उनके युग तथा भारत विद्या पर गंभीर शोध, अनुसंधान, फैलोशिप और अध्‍ययन के लिए समर्पित है।

शोधपीठ के महत्‍वपूर्ण कार्यों में विक्रमादित्‍य से जुड़े तथ्‍यों और उनके काल की राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक व्‍यवस्‍थाओं के संदर्भ में पुस्तकों का प्रकाशन है।

शोधपीठ सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों के साथ फैलोशिप, वैचारिक संगोष्‍ठी, सेमिनार, व्‍याख्‍यान, वाद-विवाद, चर्चा व कार्यशाला का आयोजन भी करता है।

शोधपीठ निरंतर समारोहिक गतिविधियों के साथ-साथ नए अन्वेषणों, नए शोधों को प्रकाश में लाता है। विक्रमार्क, विक्रम संवाद, भारत विक्रम व्‍याख्‍यानमाला, भारत विक्रम यू-ट्यूब चैनल प्रमुख उपक्रम है।