◈ सम्मान: यह सम्मान सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रीय सम्मान के नाम से जाना जायेगा।
◈ उद्देश्य: यह सम्राट विक्रमादित्य के बहुविध गुणों न्याय-विधि, खगोल एवं ज्योतिष विज्ञान, कला, शौर्य, प्राच्य वांग्मय, राजनय, आध्यात्मिक क्षेत्र, रचनात्मक एवं जनकल्याणकारी कार्य के क्षेत्र में श्रेष्ठतम उपलब्धियों एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया।
◈ संख्या: यह सम्मान प्रादेशिक होगा। यह सम्मान प्रतिवर्ष तीन प्रतिष्ठित संस्था एवं व्यक्तियों को प्रदान किये जायेंगे। पहली श्रेणी न्याय, दानशीलता, वीरता, सुशासन, राजनय, शौर्य होगी। दूसरी श्रेणी में खगोल विज्ञान, ज्योतिष विज्ञान तथा प्राच्य वांग्मय विषय को सम्मिलित किया गया है और तीसरी श्रेणी में रचनात्मक एवं जनकल्याणकारी कार्य करने वाली संस्था या व्यक्ति को सम्मान से अलंकृत किया जायेगा।
◈ सम्मान की राशि: इस सम्मान के अंतर्गत पुरस्कार के रूप में रुपये 2.00 लाख (दो लाख रुपये) की राशि के साथ प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान पट्टिका प्रदान की जायेगी।