भारतीय ऋषि वैज्ञानिक

      विश्व की सबसे प्राचीन भारतीय सनातन परंपरा को जिन ऋषि, महर्षि, आचार्य व असंख्य मेधावान महापुरुषों ने अपनी साधना, तप, ध्यान व उससे अर्जित ज्ञान से पल्लवित किया वह अद्वितीय है। सनातन की यह शाश्वत परंपरा जिसका न कोई आदि है और न अन्त तथा इसमें शामिल ज्ञान की अविचल धारा ने उत्तरोत्तर संपूर्ण विश्व को नयी दिशाएँ प्रदान की हैं। ज्ञान को भारत में प्राचीन समय से ही सर्वाधिक महत्व प्रदान किया गया है, प्राचीन काल से लेकर आज के आधुनिक समय तक ऐसे असंख्य क्षेत्र हैं जिनमें इसी भारतीय ज्ञान परंपरा से कई नवीन प्रतिमान स्थापित हुए हैं।

       वैदिक काल के ऋषियों ने अनेक शास्त्रों, विज्ञानों एवं वेदांगों की नींव डाली थी। भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने अपने समय से बहुत आगे की कल्पनाओं और विचारों को साकार किया है। उन्होंने हजारों साल पहले ही प्रकृति से जुड़े कई रहस्य उजागर करने के साथ कई आविष्कार किये और युक्तियाँ बतायीं। पश्चिम के अधिकांश वैज्ञानिकों तथा आविष्कारकों ने भारतीय वैदिक विज्ञान की महत्ता को स्वीकार किया है।