उज्जैन में भव्य होगा विक्रमोत्सव, 1 मार्च से शुभारंभ
दिनांक: 17/01/2024
उज्जैन, 17 जनवरी 2024। विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नव जागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2024 का शुभारंभ 1 मार्च 2024 को होगा। कार्यक्रम की पूर्णता गुड़ी पड़वा के दिन 9 अप्रैल 2024 हो होगी ।
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि 40 दिवसीय विकमोत्सव की शुरूआत 1 मार्च से कलश यात्रा से होगी। इसी दिन विक्रम व्यापार उद्योग मेला, लोक रंग, महादेव मूर्तिकला कार्यशाला का उद्घाटन होगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में विक्रम वैदिक घड़ी का लोकार्पण, विक्रम पंचांग का विमोचन, सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण समारोह शामिल है। निदेशक ने कहा कि इस वर्ष विक्रमोत्सव की गतिविधियों में सुप्रद्धि अभिनेत्री हेमा मालिनी और युवाओं की पसंद गायक जूबिन नौटियाल, अमित त्रिवेदी, हँसराज रघुवंशी से प्रस्तुति के लिए अनुरोध किया गया है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए शोधपीठ के निदेशक ने बताया कि विक्रमोत्सव में 4 प्रदर्शनी (आर्ष भारत, पुनर्नवा उज्जयिनी, विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक, चौरासी महादेव, श्रीकृष्ण केन्द्रित प्रदर्शनी), श्रीकृष्णलीलामृत एवं विक्रम नाट्य समारोह अंतर्गत मध्यप्रदेश सहित गुजरात, आसाम, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, कर्नाटक, महाराष्ट्र के नाट्य समूहों द्वारा 13 नृत्य नाटिकाएँ, 9 नाट्य प्रस्तुतियाँ व एक महानाट्य का मंचन होगा (इसमें विदेशी समूहों द्वारा रामायण, महाभारत की प्रस्तुतियाँ व पारंपरिक नृत्य नाटिका भी शामिल है)। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय इतिहास समागम, राष्ट्रीय विज्ञान समागम, भजनामृत कार्यक्रम, पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव (जिसमें एशियान, दक्षिण अमरीका, अफ्रीकी देशों की पौराणिक फिल्मों का प्रदर्शन एवं प्रतिनिधि शामिल होंगे)। उन्होंने बताया कि विक्रमोत्सव अंतर्गत वेद अंताक्षरी, अखिल भारतीय वेद सम्मेलन, बोलियों पर केन्द्रित कवि सम्मेलन एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन होंगे।
गुड़ी पड़वा, सृष्टि आरंभ दिवस, वर्ष प्रतिपदा, पिंगल सम्वत्सर का शुभारंभ, उज्जयिनी गौरव दिवस पर सूर्योपासना कार्यक्रम, महाकाल शिवज्योति अर्पणम् ( 25 लाख दीपक माँ शिप्रा के चरणों में अर्पण) व विक्रम विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह शामिल है।