◈ विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित विश्‍व की पहली घड़ी है।

◈ भारतीय काल गणना सर्वाधिक विश्‍वसनीय पद्धति का पुनरस्‍थापन विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी के रूप में उज्‍जैन में किया गया है।

◈ विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी का लोकार्पण माननीय प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 29 फरवरी 2024 को किया गया।

◈ देश और दुनिया में बलपूर्वक आरोपित ग्रीनवीच मीन टाइम, ग्रेगोरियन कैलेण्‍डर की दुरभिसंधि से अंतरराष्‍ट्रीय समय की गणना में कोई व्‍यवधान न करते हुए विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना की परंपरा के पुनरस्‍थापन का छोटा सा प्रयास है।

◈ भारतीय काल गणना की इस परंपरा को व्‍यवहारिक बनाने विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी का एप भी तैयार किया जा चुका है। यह एप भारतीय एवं वैश्विक 40 भाषाओं में देखा जा सकेगा।

◈ इस घड़ी में वैदिक काल गणना के समस्‍त घटकों को समवेत कर बनाया गया है।

◈ यह घड़ी सूर्योदय से परिचालित है। अत: जिस स्‍थान पर जो सूर्योदय का समय होगा उस स्‍थान की काल गणना तदनुसार होगी। स्‍टेंडर्ड टाइम भी उसी से जुड़ा रहेगा।

◈ इस एप के माध्‍यम से वैदिक समय, लोकेशन, भारतीय स्‍टेंडर्ड टाइम, ग्रीन विच मिन टाइम, तापमान, वायु गति, आर्द्रता, भारतीय पंचांग, विक्रम सम्‍वत् मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्‍यौहार, चौघडि़या, सूर्य ग्रहण, चन्‍द्र ग्रहण, आकाशस्‍थ, ग्रह, नक्षत्र, ग्रहों का परिभ्रमण, आदि की जानकारी समाहित है।

◈ विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी का मापन डोंगला स्थित वेधशाला के सूत्रों पर आधारित है।

◈ विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी की स्‍थापना महाराजा विक्रमादित्‍य शोधपीठ, संस्‍कृति विभाग, मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा की गयी है।